उत्तर प्रदेश: आज हम आपको एक ऐसी कहानी या पहली Mystery के बारे में बताएंगे। जो कहानी आपको हेरान कर देगी। सोचने पर मजबूर कर देगी। वैसे तो उत्तर प्रदेश की धरती कई राज व रहस्य समेटी हुई है। मान्यता हैं कि उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में भगवान कृष्ण का एक ऐसा मंदिर हैं। जिसको लोग रात को देखने की हिम्मत नहीं करते हैं। दावा किया जाता हैं कि इस मंदिर को रात के समय में देखने से व्यक्ति या अंधा हो जाता हैं। लोगो का कहना हैं की इस मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा रानी अमावस्या की रात को रास लीला करते हैं। मंदिर के पुजारी ने कहा की हम अमावस्या की रात को मिठाई से ले के सारी सामग्री रखतेे हैंं। मंदिर को पुुुुरी तरह सेे सजा के और मंंदिर के कपाट बंद करके सभी अपने घर चले जाते हैं।
मंदिर में रात को कोई नहीं रोकता है। जब सुबह हम मंदिर के कपाट खोलते हैं तो यह सामग्री बखरी हुई और किसी इंसान के पैरो के खोज मिलतें हैं। जिससे यह आस्था बनी हुई है। भगवान कृष्ण और राधा वास्तव इस मंदिर यहाँ आते हैं। यही कारण हैं कि जैसे जैसे शाम होती जाती हैं तो मंदिर भी वीरान हो जाता हैं। मंदिर के आस पास का वातावरण बिलकुल सुनसान हो जाता है। वृन्दावन वासी अपने अपने घरों में छुप जाते है। आखिर हमारे मन में एक सवाल उठता है कि आज तक हमको यह बताया गया है कि भगवान अपने भक्त से अधिक प्रेम करता है।
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तो क्या भगवान के इस मंदिर की तरफ देखने से वह अपने भक्त की आंखें भी ले लेता भी क्या? बड़े बड़े संत मुनि और पुजारी का दावा की इस मंदिर में भगवान कृष्ण प्राचीन काल से आते हैं। वे अपनी रास लीला करते हैं। ऋषि मुनियों का कहना है कि भगवान कृष्ण के इस मंदिर को सामन्य प्राणी इसलिए नहीं देख सकता है। क्योंकि भगवान कृष्ण के इस तेज सवरूप को देखने के लिए हमारी आंखें सक्षम नहीं है। क्योंकि जब भगवान कृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को विराट स्वरूप दिखाया था। तब अर्जुन आंखें इस सवरूप देखने में फिर भगवान कृष्ण अर्जुन को दिव्य ज्योति प्रदान की थी। जब अर्जुन कृष्ण के विराट रूप को देख पाएँ थे।
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