जयपुर: आज भारत को आजाद हुए 70 साल बीत चुके हैं। इस आजादी के इतिहास में भारत ने क्रिकेट के खेल में कई इतिहास रचे हैं। जिसका अध्ययन करना काफी मुश्किल लगता है। भारत ने विश्व खेल जगत में ऐसा लोहा मनवाया है। जिसे पुरी दुनिया ने देखा है।भारत ने क्रिकेट में नई इबारत लिखी। इसमें सबसे अहम बात यह थी कि क्रिकेट में भारत ने उन्ह अंग्रेजों को इंग्लैंड की धरती पर पहली बार मात दी थी। आज हम आपको आजादी से लेकर 70 साल के क्रिकेट इतिहास के बारे में बताएंगे।
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First World Win India 1983 |
विदेशी धरती पर भारतीय टीम ने पहली टेस्ट सीरीज जीती-
किक्रेट के इतिहास में भारतीय टीम ने सन 1971 में विदेशी धरती पर इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की थी। अजीत वाडेकर की कप्तानी में भारतीय टीम ने उन्ह अंग्रेजों को 1-0 से हराया था। इस टीम में भगवत चंद्रशेखर दिलीप सरदेसाई वेंकटराघवन गुंडप्पा विश्वनाथ बिशन सिंह बेदी फारुख इंजीनियर और सुनील गावस्कर जैसे खिलाड़ी शामिल थे। यह जीत भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक नई शुरुआत थी।
कपिल देव की कप्तानी में भारत ने क्रिकेट का पहला विश्व कप सन् 1983 में जीता-
भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए। कपिल देव की कप्तानी में सन 1983 का पहला विश्वकप अपने नाम किया। सन 1983 में भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव की टीम ने वेस्टइंडीज को हराया था। वेस्टइंडीज की टीम ने स्कोर बोर्ड पर 183 रन का मामूली लक्ष्य रखा। जिसका पीछा करते हुए कपिल देव की टीम ने सन्1983 विश्व कप जीतकर पूरी दुनिया में इतिहास रच दिया। इस तरह से 90 के दशक में कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम ने संघर्ष करते हुए क्रिकेट का पहला विश्वकप जीता था।
टी20 क्रिकेट मैच का पहला टूर्नामेंट 2007 में था। भारतीय टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी को सोपी गई थी। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम के युवा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय टीम के सिक्सर किंग युवराज सिंह ने 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाकर, टी20 विश्व कप मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 12 गेंद पर सबसे तेज अर्धशतक अपने नाम कर लिया। टी20 क्रिकेट के पहले विश्व कप मैच में युवराज सिंह ने 15 गेंद पर नाबाद 58 रन की शानदार पारी खेली। साल 2007के टी20 का प्रथम विश्व कप फाइनल मैच में भारत ने पाकिस्तान को हराकर इतिहास रचा।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने पहला टी20 वर्ल्ड कप 2007 में जीता-
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Yuvraj Shingh T20World Cup 2007 |
सचिन तेंदुलकर का सपना हुआ साकार, भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में साल 2011 में दूसरा विश्व कप जीता-
विश्व कप 2011 का फाइनल मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। भारतीय टीम के सामने श्रीलंका की मुश्किल चुनौती थी। धोनी की कप्तानी में भारत ने श्रीलंका को हराकर विश्व चैंपियन बन गया था। इस मैच में कप्तान धोनी ने खुद को बल्लेबाजी ऑर्डर में ऊपर उतारा और जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इस विश्व कप को कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपना दमदार छक्का लगाकर जिताय था। जिसकी गुंज आज भी देशवासियों के कान में गूंजती है।
किक्रेट के इतिहास में सचिन तेंदुलकर के 100 शतकों का रिकॉर्ड-

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर

आज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को विश्व में क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में सचिन तेंदुलकर ने तमाम रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। सचिन तेंदुलकर ने अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट 100 शतकों का रिकॉर्ड अपने नाम कर रखा है। 16 मार्च 2012 को तेंदुलकर के बल्ले से 100वां सैंकड़ा निकला था। आज तेंदुलकर ने विश्व में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड और सबसे ज्यादा शतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर रखा है।
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