जयपुर: हाल ही में अमेरिका के स्टैंन्फर्ड यूनिवर्सिटी में हुए शोध के अनुसार जिसमें हैक ग्रीली प्रोफेसर का कहना है कि आने वाले 30 सालों में बच्चे पैदा करने के लिए कपल जोड़ें को योन संबंध करने की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी। प्रोफ़ेसर हैक के अनुसार आने वाले समय में प्रजनन की प्रक्रिया पूरी तरह से बदल जाएगी। माता पिता के पास संतान उत्पत्ति करने का एक ऑप्शन होगा।
वह अपने डीएनए से लैब में तैयार किए अलग-अलग भ्रूण में से कोई भी अपने पसंद के भ्रूण का चयन कर पाएंगे। इससे पहले हम आपको बता देना चाहते हैं किहैंक ग्रीली स्टैन्फर्ड लॉ स्कूल के सेंटर फॉर लॉ ऐंड द बायोसाइंसेज के डायरेक्टर हैं। इस प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ में यह प्रक्रिया भेज सस्ती हो जाएगी। प्रोफेसर हैक ग्रीली का कहना है कि लोग इस प्रक्रिया का फायदा अधिक से अधिक संख्या में उठा पाएंगे। इस प्रक्रिया में पहले महिलाओं की स्किन का सैंपल लेकर स्टेम सेल बनाया जाता है।
इसका इस्तेमाल अंडे बनाने में किया जाता है। बाद में इन अंडों को स्पर्म सेल से फर्टिलाइज किया जाता है। शोध के अनुसार प्रोफ़ेसर हैक ग्रीली का कहना है कि इस प्रक्रिया में सबसे मुश्किल बात यह होगी कि इसकी वजह से सबसे ज्यादा डिवोर्स होंगे। क्योंकि इस प्रक्रिया में पत्नी को भ्रूण नम्बर 15 की और पुरुष को भ्रूण नंबर 64 की आवश्यकता होगी। प्रोफ़ेसर ने आगे कहा कि इस मामले में दोनों पार्टनर को फैसला लेना काफी मुश्किल होगा। आप यह कैसे तय कर पाएंगे कि जब किसी भ्रूण को किसी बीमारी की आशंका कम हो और दूसरे भ्रूण में बीमारी की आशंका कम हो।
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New Children's Born |
इसका इस्तेमाल अंडे बनाने में किया जाता है। बाद में इन अंडों को स्पर्म सेल से फर्टिलाइज किया जाता है। शोध के अनुसार प्रोफ़ेसर हैक ग्रीली का कहना है कि इस प्रक्रिया में सबसे मुश्किल बात यह होगी कि इसकी वजह से सबसे ज्यादा डिवोर्स होंगे। क्योंकि इस प्रक्रिया में पत्नी को भ्रूण नम्बर 15 की और पुरुष को भ्रूण नंबर 64 की आवश्यकता होगी। प्रोफ़ेसर ने आगे कहा कि इस मामले में दोनों पार्टनर को फैसला लेना काफी मुश्किल होगा। आप यह कैसे तय कर पाएंगे कि जब किसी भ्रूण को किसी बीमारी की आशंका कम हो और दूसरे भ्रूण में बीमारी की आशंका कम हो।