राजस्थान में जयपुर की पहाड़ियों पर बना नाहरगढ़ किला, जानिए किले का नाम नाहरगढ़ क्यों रखा

  जानिए जयपुर में स्थित नाहरगढ़ किले का रहस्य-

जयपुर: आज हम आपको एक ऐसी अनोखी घटना के बारे में बताएंगे जो जयपुर के नाहरगढ़ किले के बारे में है। बताया जाता है कि नाहरगढ़ किले का नाम किसी व्यक्ति की मर्जी से नहीं बल्कि वहां की कुछ अदृश्य शक्तियों की मर्जी के कारण रखा गया था। दरअसल नाहरगढ़ किला जयपुर की अरावली पर्वत श्रंखला पर स्थित है। यह अरावली पर्वत श्रंखला जयपुर को चारों ओर से घेरती है। अमेर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अरावली पर्वत श्रृंखला के छोर पर बनाया था।
नाहरगढ़ किला, Nahargarh Fort, जयपुर का नाहरगढ़ किला
नाहरगढ़ किला 
कहा जाता है कि पहले के समय में वहां कोई नाहरसिंग नाम के राजपूत की आत्मा वहां मटका करती थी। यह परमात्मा किले के निर्माण में बाधा डालती थी। जब यह समस्या सामने खड़ी हुई तो राजा सवाई जयसिंह ने उस समय के महापंडित वह बड़े-बड़े तांत्रिकों को इकट्ठा किया गया। और इस समस्या से अवगत कराया गया। जब उन्होंने इस समस्या का निवारण निकाला तो कहां कि इस किले का नाम राजपूत नाहर सिंह की प्रेम आत्मा के नाम पर रखने से किले के निर्माण में आ रही बाधा दूर हो जाएगी। किले का निर्माण पुनः शुरू हो जाएगा। जब इस किले का नाम नारगढ़ रखा था।

  जयपुर का प्रसिद्ध नाहरगढ़ किला-

 जयपुर के नाहरगढ़ किले में सवाई मानसिंह और सवाई माधोसिंह के द्वारा भवनों का निर्माण करवाया था। जो पुराने समय में किले महल हवेलिया आदि का निर्माण कराया गये थे। वे आज भी धीरे-धीरे ध्वस्त होते जा रहे है लेकिन जयपुर में जो भी किला व महल बना हुआ है। वह आज भी सुरक्षित व ठीक-ठाक स्थिति में है। यहां के शासक सवाई मानसिंह अपनी नौ रानियों के लिए अलग-अलग आवास खंड बनवाए थे। जो आज भी सबसे सुंदर है। जयपुर के नाहरगढ़ किले में सोच आदी की आधुनिक सुविधाएं की गई थी। नाहरगढ़ किले के पश्चिमी भाग में पडावो नाम का एक रेस्तरां है। जिसमें भोजन खाना खाने की पूरी व्यवस्था की गई थी। यहां का सूर्य अस्त बहुत ही अनोखा वह सुंदर दिखता है।
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