जयपुर: आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां हजारों वर्षों से लगातार आग की लपटें निकल रही है। दावा किया जाता है कि मां सती के 51 खंड पीठ में से यह मंदिर एक है, जिसमें 9 देवियों की मूर्तियां है। जिन मूर्तियां के नीचे दीपक की तरह पहाड़ में से आग की ज्वाला निकल रही है। इस आग की लपटें को लोग माता शक्ति का वरदान मानते हैं। अर्थात इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यहां हजारों वर्षों से देवी की मूर्ति के नीचे एक दीपक के साथ पंक्ति में नौ दीपक जलते हैं।
मां ज्वाला देवी का मंदिर हिमालय पर्वत की कांगड़ा घाटी से दक्षिण में 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को लेकर एक मान्यता है कि सतयुग में मां सती की यहां जीब गिर गई थी। जब से लेकर आज तक उसके मुंह से आग निकल रही है। इस मंदिर की खोज सर्वप्रथम आज से 5000 वर्ष पहले महाभारत में पांडवों ने की थी। लेकिन इस मंदिर में हैरान करने की बात यह है कि जो मंदिर में नौ देवी की मूर्तियों के नीचे से दीपक के रूप में जो आग की ज्वाला के रूप में दिपक जलते है। मंदिर में यह आग कहां से आती है और दीपक क्यों नहीं बुझते है। |
कामाख्या देवी का मंदिर |
लोग माता का वरदान या उसकी शक्ति मानते हैं। वह दीपक नहीं है देवी के मंदिर के नीचे पर्वत है और पर्वत खोखला होने की वजह से इसमें अनेक गैस विद्यमान हो सकती है। जिसकी वजह से गैस का रिश्ता होता है। उस गैस के कारण है। आग की जवाला के रूप में हमेशा जलती रहती है। उसे लोग दीपक मानते हैं और वह कभी भी बूझती नहीं है। क्योंकि प्रकृति के अंदर गैस के अनेक भंडार भरे हैं। लेकिन मंदिर में अभी भी कई शोध चल रहे हैं। शोध जब पूरी तरह से साफ नहीं हो जाएगा तो मंदिर का असली राज जब हमारे सामने नहीं आ पाएगा। इस मंदिर में प्राचीन काल से देवी ज्वाला के सभी नौ स्वरूप मौजूद है। जिनकी प्राचीन काल से लोग यहां पूजा करते आ रहे हैं।
मां जवाला देवी के मंदिर के अनसुलझे रहस्य को लेकर विज्ञान भी अपनी एक थोरी पेश करता है। विज्ञान ने साफ शब्दों में कहा है कि हम ऐसी बातों पर विश्वास नहीं करते हैं। हम ऐसे लोगों की कहानी और बातों पर विश्वास ही नहीं करते हैं। क्योंकि विज्ञान इन बातों को इसलिए नहीं मानता है। क्योंकि विज्ञान न तो ईश्वर को जानता है और न इध कहानियों को। विज्ञान अपनी भाषा में कहता है कि देवी के इस मंदिर में कुछ भी अनोखा नहीं है क्योंकि जो भी है सब प्रकृति की देन है। मां ज्वाला देवी की श्रद्धा पर बनी हुई लोगों की आस्था है।