World tribal day-विश्व आदिवासी दिवस 2022

जयपुर: सावन और अगस्त का महीना हमारे लिए कई तरह से महत्वपूर्ण है। क्योंकि इस मास में कई उत्सव, पर्व और त्योहार  मनाया जाता है। इसलिए सावन का महीना पर्यावरण और त्योहारों का सीजन के लिए महत्वपूर्ण होता है। लेकिन आज हम विश्व आदिवासी दिवस के बारे में बात करने जा रहे हैं।
विश्व आदिवासी दिवस

World tribal day | विश्व आदिवासी दिवस मनाने का कारण-

भारत के अलावा विश्व के कई क्षेत्रों में अदम व पिछड़ी जातियां निवास करती है। दुनिया की स्वदेशी जनजातियां जिनकी संस्कृति, समाज, शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुभवो अधिकारों की रक्षा करना। पर्यावरण के प्रति उनके द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को स्वीकार करना। ऐसी जनजातियों को मुख्यधारा में लाने के लिए 
  • सन 1982 में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र समूह की बैठक में प्रयास किए गए।
  • सन 1994 में संयुक्त राष्ट्र की घोषणा बाद विश्व आदिवासी दिवस प्रति वर्ष मनाया जा रहा है।
  • इस घोषणा के साथ ही आदिवासी दिवस को अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का दर्जा प्राप्त हुआ।
  • विश्व आदिवासी दिवस प्रतिवर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है।
अब प्रतिवर्ष अगस्त माह में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। इस महाउत्सव पर सभी क्षेत्रों में लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र ने स्वदेशी लोगों को अपनी कला संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिए एक उचित मंच दिया है।

विश्व आदिवासी दिवस मनाने का उद्देश्य और महत्व

वर्तमान समय में अधिकांश आदिवासी जनजातियां जंगलों में निवास करती है। लेकिन उनका ख्याल रख पाना प्रत्येक देश और सरकारों के लिए मुश्किल हो गया है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने विश्व आदिवासी दिवस को अंतर्राष्ट्रीय दिवस की मान्यता प्रदान की। आदिवासियों के संबंध में विश्व के सभी देशों को मानवीय अधिकारों सुनिश्चित करने की सलाह दी। 

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार-

  • आदिवासी सामाजिक और संस्कृति प्रीति के अद्वितीय धनी होते हैं।
  • स्वदेशी लोग पर्यावरण के विकास का उत्तराधिकारी हैं।
  • इन्होने पर्यावरणीय पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने भूमिका निभाई है।
  • ये लोग जंगली जीव जंतुओं के रख वाले और सहायक होते है।
  •  इनका कार्य प्रकृति के विकास में महत्वपूर्ण हैं।
  • विश्व की 80 प्रतिशत क्षेत्र जैव विविधता, स्वदेशी लोगों द्वारा संरक्षित है।
  • प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • संसार में अनेक सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता देखने को मिलती है। जिसका कारण भाषा को माना जाता है। क्योंकि विश्व में 370 से 500 मिलियन लोगों द्वारा आपस में बातचीत के लिए लगभग 7000 भाषाओं का उपयोग किया जाता है।

भारत में आदिवासियों के लिए किए गए प्रयास-

हमारे देश भारत में आदिवासियों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता, मूल अधिकार, भाईचारा कायम करने के लिए संविधान में कहीं कानून बनाये हैं। सामाजिक और सांस्कृतिक, राजनीति, आर्थिक, रीति रिवाज, अधिकार, नौकरी, स्वास्थ्य, गरीबी, शिक्षा, लोकगीत, खेल, कला संस्कृति आदि क्षेत्रों में आरक्षण का विशेष प्रावधान किया है। पाकिस्तान ने लोगों के बराबर उचित प्रतिनिधित्व और अधिकार प्राप्त करने के अवसर मिले। भारत में पिछड़ी जातियों के विकास के लिए हर क्षेत्र में कार्य किए गए हैं। आदिवासियों को अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिए उचित मंच प्रदान किया है।

Note: 9 अगस्त 2022 को विश्व आदिवासी दिवस की राजस्थान प्रदेश न्यूज़ की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं।

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